प्रगतिनगर कार्टन फैक्टरी की मशीनरी 1.13 करोड़ में बेची गई

बिजेंदर शर्मा शिमला ---शिमला ज़िला के प्रगतिनगर में एग्रो इंडस्टज़ पैकेजिंग इंडिया लिमिटेड (ए.आई.पी.एल) की कार्टन फैक्ट्री में मशीनरी को आरक्षित कीमतों से कम पर बेचे जाने को लेकर आज कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार सही नहीं है तथा तथ्यों से हटकर है। 

एआईपीएल के महाप्रबंधक श्री मदन चैहान ने आज यहां स्पष्ट किया है कि कार्टन प्लांट को बेचने का आरक्षित मूल्य 28.33 करोड़ रुपये तय नहीं किया गया था, जैसा कि समाचारों में प्रकाशित हुआ है। उन्होंने कहा कि वास्तव में इसके लिए कोई आरक्षित मूल्य निर्धारित नहीं किया गया था तथा प्लांट एवं मशीनरी बेचने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे। टेंडर दस्तावेज के अनुसार, मशीनरी का वास्तविक मूल्य 24.88 करोड़ रुपये दर्शाया गया था, जो वर्ष 1990 में इस मशीनरी की खरीद के समय का मूल्य था। इसमें से सी.आई.एफ का मूल्य 9 करोड़ रुपये, आयात ड्यूटी 6 करोड़ रुपये थी तथा येन मुद्रा के समक्ष भारतीय रुपये के अवमूल्यन के कारण मशीनरी का मूल्य 10 करोड़ रुपये बढ़ गया था। मशीनरी का आयात भारतीय रुपये के अवमूल्यन और कीमत में बढ़ोतरी के कारण विदेशी मुद्रा में ऋण लेकर किया गया था। 

महाप्रबंधक ने कहा कि प्लांट व मशीनरी की बिक्री के लिए निविदाएं आमंत्रित की जानीं अनिवार्य थी क्यांेकि पहली निविदा में केवल एक पार्टी ने ही भाग लिया जिसने इसके लिए 77.78 लाख रुपये की बोली लगाई थी, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। बाद में निविदाएं पुनः आमंत्रित की गईं जिसमें पांच पार्टियों ने भाग लिया। पारदर्शी निविदा प्रणाली के तहत प्लांट व मशीनरी को 1.13 करोड़ रुपये में सर्वाधिक बोली लगाने वाले को बेचा गया जिसमें मूल्य 1.08 करोड़ और 5 प्रतिशत वैट शामिल है। जबकि मशीनरी की रिटन डाउन वैल्यू एक करोड़ रुपये से कम है।

उन्होंने कहा कि यह मशीन पुरानी हो जाने के कारण बेकार हो गई थी जिसकी मरम्मत भी नहीं हो रही थी तथा इसका प्रयोग भी अब लाभदायक नहीं रहा है। 

Posted by BIJENDER SHARMA on 5:30 AM. Filed under , , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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