अखिल भारतीय संगीतज्ञ समूह ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की
अखिल भारतीय संगीतज्ञ समूह ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की
संस्कृति मंत्रालय ने अखिल भारतीय संगीतज्ञ समूह (एआईएमजी) के बैनर तले शास्त्रीय संगीत की दोनों परंपराओं-कर्नाटक और हिंदुस्तानी, के ख्यातिप्राप्त संगीतज्ञों की प्रधानमंत्री (जो संस्कृति मंत्री भी हैं) डॉ. मनमोहन सिंह के साथ आज यहां एक ऐतिहासिक बैठक आयोजित की।
इस प्रतिनिधिमंडल में भारतीय शास्त्रीय परंपरा, विशेषकर संगीत जगत के शीर्ष प्रतिनिधि शामिल थे। इस बैठक में उपस्थित एआईएमजी के सदस्यों में पंडित अजय चक्रवर्ती, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, उस्ताद जाकिर हुसैन, पंडित राजन मिश्र, पंडित शिवकुमार शर्मा (सभी उत्तर भारतीय हिन्दुस्तानी संगीत), श्री रविकिरण चित्रवीणा, श्री टीएन कृष्णन, श्रीमती सुधा रघुनाथन और श्री यू श्रीनिवास (सभी दक्षिण भारतीय कर्नाटक संगीत) शामिल थे। बैठक में पंडित अरविंद पारिख ने संयोजक के रूप में और पंडित विजय किचलू-कोलकाता, पंडित साजन मिश्र-दिल्ली, श्री अशोक वाजपेयी-दिल्ली ने पर्यवेक्षक के रूप में भाग लिया।
बैठक के दौरान एआईएमजी ने कई मुद्दे उठाए, जिनमें गुरू-शिष्य परंपरा, राज्य और अन्य अकादमियों का पुनर्जीवन, सार्वजनिक क्षेत्र में प्रवेश की जरूरत आदि शामिल थे।
एआईएमजी के सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों के प्रति अपने उत्तर में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि वह भारत की सांस्कृतिक विरासत को आगे ले जाने में उनके योगदान का महत्व देते हैं। उन्होंने कहा कि इन कलाओं की सहायता के लिए पर्याप्त संस्थागत प्रबंध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय कलाएं भारत की आत्मा हैं और उनकी उपस्थिति हम सबको भारत की महान सांस्कृतिक और सभ्यता की परंपरा की याद दिलाती है।




