गीत के तरानों पर झूम उठे कैदी

गीत के तरानों पर झूम उठे कैदी

धर्मशाला २७ जुलाईः धर्मद्गााला स्थित जेल में कैदियों को तनावमुक्त करने के लिए आज सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्धारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें कैदियों द्धारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भरपूर मनोरंजन किया और गीत के तरानों पर झूमझूम कर कैदी नाच उठे।
नाट्‌य निरीक्षक सतीद्गा कुमार तथा नसीम बाला ने अपने सम्बोधन में कहा कि संगीत वह विधा है जो मनुच्च्य को संवेदनद्गाील, दयालु और मानवता के प्रति प्यार भावना को जागृत करने के लिए एक सद्गाक्त साधन है और मनुच्च्य संगीत के आनन्द से जहां तनावमुक्त होता है वहीं पर मनुच्च्य की मानसिकता में भी धीरे-धीरे परिवर्तन आने लगता है।
जेल अधीक्षक, श्री द्योर चन्द ने कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि जेल में कैदियों के लिए एक बेहतर वातावरण सृजितकरने की कड़ी में सांस्कृतिक गतिविधियां कैदियों की मानसिकता में परिवर्तन तथा तनावमुक्त करने के लिए सबसे अच्छा साधन हैं ताकि कैदी रिहा होने के उपरान्त समाज में बेहतर ढंग से अपना जीवन यापन कर सकें।
उन्होनें सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग से आग्रह किया कि वह हर मास कैदियों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम धार्मिक एवं सामाजिक फिल्मों का प्रदर्द्गान किया जाए ताकि कैदी समाज की मुखय धारा के साथ जुड सकें।
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Posted by BIJENDER SHARMA on 8:40 AM. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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