ब्रितानी चेरिटी कार्यकर्ता की हत्या के मामले में दोषियों को पकडने में कांगडा पुलिस की नाकामी से खफा


ज्वालामुखी: करीब चार साल पहले एक ब्रितानी चेरिटी कार्यकर्ता की हत्या के मामले में दोषियों को पकडने में कांगडा पुलिस की नाकामी से खफा उसके पिता का मानना है कि भारतीय पुलिस इस मामले में कुछ भी नहीं कर पा रही है। मामला केवल कागजों में ही सिमटा है।

लेकिन कांगडा पुलिस की अपनी दलील है कि उन्हें ब्रितानी पुलिस कोई सहयोग नहीं कर रही है। हालांकि ब्रितानी युवक माईकल ब्लैकी की हत्या का मामला इसी माह दोबारा खुल चुका है। व जांच शुरू हो गई है।

लेकिन मारे गये युवक के पिता पाल ब्लैकी का मानना है कि हत्या के मामले में किसी भी दोषी को पुलिस पकड नहीं पाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को लंबा खींचा जा रहा है। लेकिन वह केस की परिणीती जानना चाहते हैं।

पाल ने एक विदेशी चैनल के साथ मुलाकात में कहा कि उसके हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं। मैं हैरान हूं। अब यह सुन सुन कर हम थक चुके हैं लेकिन मुझे आशा है कि जांच से सच्च सामने आयेगा। पाल ने अफसोस जताया कि भारत से बार बार खबरें आ रही हैं कि मामले की जांच हो रही है। लेकिन इससे सामने क्या आया कोई नहीं बताता। बकौल उनके यह क्या हो रहा है।

गौरतलब है कि माईकल ब्लैकी की मौत चार साल पहले नवंबर माह में हुई थी। धर्मशाला के पास एक कब्रगाह के साथ खून से लथपथ उसका शव मिला था। बाद में मेडिकल जांच में पाया गया कि उसकी मौत पीटने की वजह से हुई थी। चार साल से अपने बेटे की मौत के लिये जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के संघर्षरत पाल कहते हैं कि वह उम्मीद पर आज भी कायम हैं। वह बताते हैं कि ईंगलैंड में तो केस बंद हो चुका है यहां कुछ नहीं मिला। भारतीय जांच से क्या मिलेगा उन्हें नहीं पता। लेकिन मौका ए वारदात के तमाम सबूत इस बात को ईगित करते रहे हैं कि मेरे बेटे की हत्या की गई है। बहरहाल मामले की जांच कर रहे डी एस पी दिनेश शर्मा ने बताया कि हमने ब्लैकी के धर्मशाला प्रवास के दौरान मिलने जुलने वाले तमाम लोगों से पूछताछ नये सिरे से शुरू कर दी है। करीब पन्द्रह लोगों से गहन पूछताछ हो चुकी है। सबूतों को हम जुटा रहे हैं। इस मामले के प्रमुख आरेापी पवन भारद्घाज के खिलाफ भी हम सबूत जुटा रहे हैं। पुलिस को शक है कि हत्या में पवन भारद्घाज का हाथ है। पवन ब्लैकि की चैरिटी सहयोगी रिचेल ओवन के पति हैं। हालांकि पवन को उस दौरान गिरफतार भी किया गया था कई दिनों तक उससे पूछताछ होती रही। लेकिन बाद में उसे रिहा करना पडा। व पवन अपनी ब्रितानी बीवी के साथ स्काटलैंड चले गये।

जांच अधिकारी शर्मा भी मानते हैं कि इस समय पवन भारद्घाज से पूछताछ बहुत ही महत्वपूर्ण है। हिमाचल पुलिस उसे वापिस लाने के प्रयास में है। लेकिन यह तभी संभव हो पायेगा जब उसके खिलाफ कुछ सबूत जुट जायें। हालांकि ब्रितानी पुलिस वहां भी पवन से पूछताछ कर सकती है। लेकिन दिल्ली स्थित ब्रिटिश दूतावास इस मामले में कोई सहयोग नहीं दे रहा है। तमाम प्रयासों के बावजूद पवन के वीसा के बारे में कोई भी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।। जांच से जुउे एक अन्य आला अधिकारी ने बताया कि हमने ब्रिटिस सरकार से पवन को वापिस धर्मशाला लाने के लिये सहयोग मांगा लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला।

हिमाचल पुलिस कत्ल की इस वारदात के दो पहलुओं की जांच में जुटी है। पहला यह कि क्या पवन अपनी पत्नी की बलैकी से दोस्ती को लेकर रंजिस तो नहीं रख रहा था। दूसरा कि कहीं बलैकी की संस्था में कहीं कोई वित्तिय अनियमितता तो नहीं थी। जिसमें पवन भी शामिल हो। पुलिस भी मानती है कि कत्ल के वक्त जांच गलत दिशा की ओर रही। जांच कमजोर रही सबूत इक्कठे करने में लापारवाही बरती गई। डी एस पी भी मानते हैं कि उन्हें अभी तक हत्या के पीछे अपराधी की सोच क्या रही होगी उसका पता नहीं चल पाया है।

बीते साल जुलाई में ब्रितानी सरकार ने भारत से इस मामले में सहयोग मांगा था ताकि हत्या के आरोपी को पकडा जा सके। डी एस पी ने बताया कि दोनों विसार की रिर्पोट एक जो भारत में बनी दूसरी ब्रिटेन में दोनों में हत्या के एक ही कारण हैं। बलैकी धर्मशाला में करीब छह साल पहले आये व अपने एक साथी के साथ चैरिटी संस्था बनायी २६ नवम्बर २००६ को वह एक मोनेस्टरी से गुम हो गये जहां वह रह रहे थे। बाद में उसकी लाश एक कब्रगाह के पास मिली। लाश को पोस्टमार्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया गया था। वह उसे ब्रिटेंन ले गये थे।

Posted by BIJENDER SHARMA on 7:15 PM. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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