सोनिया गाँधी ने टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति [जेपीसी] से जांच कराने की मांग खारिज की

सोनिया गाँधी ने 

टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति [जेपीसी] से जांच कराने की मांग  खारिज 

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स्पेशल  रिपोर्ट नई दिल्ली--- टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति [जेपीसी] से जांच कराने की विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि यूपीए सरकार के पास न तो कुछ छिपाने को है और न कुछ डरने को।

सोनिया ने यहां पार्टी संसदीय दल की बैठक में पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए संसद की कार्यवाही बाधित करने और स्पेक्ट्रम मुद्दे का राजनीतिकरण करने की बात कहते हुए विपक्ष, खासकर भाजपा पर दोहरे मापदंड और दोहरी बात करने का आरोप लगाया। उन्होंने जेपीसी की विपक्ष की मांग का सीधा उल्लेख किए बिना कहा कि आप यह देखेंगे कि समस्या का कई तरह से समाधान किया जा रहा है। पहला, पीएसी इसकी जांच कर रही है। दूसरा, सीबीआई की जांच चल रही है और तीसरा कि एक पूर्व न्यायाधीश प्रशासनिक और प्रक्रियागत खामियों को देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि सरकार मामले की तह तक जाने के लिए कटिबद्ध है और यह कहना बेतुका होगा कि सरकार कुछ छिपा रही है या जांच से भाग रही है। मैं स्पष्ट शब्दों में यह दोहराना चाहती हूं कि हमारी सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और हमारी सरकार को डरने के लिए भी कुछ नहीं है।

सोनिया ने कहा कि हमारी चिंता यह है कि हमें पीएसी और सीबीआई जैसी स्थापित संस्थाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और न ही हमें ऐसा कुछ करना चाहिए जिससे कि प्रधानमंत्री की संस्था की गरिमा कम हो। हम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए संस्थाओं को कुर्बान नहीं कर सकते।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि संसद के सत्र के अंतिम दिन आज सुबह हम मिल रहे हैं। यह अत्यधिक खेद की बात है कि यह पूरा सत्र इतना अधिक अनुत्पादक रहा। कुछ वित्तीय कामकाज को छोड़ कर और कोई कामकाज नहीं हो सका। विपक्ष, खासकर मुख्य विपक्षी दल ने हर रोज सत्र में जो व्यवधान डाला उसके बारे में भारत की जनता अगर निराशा प्रकट करती है तो वह जायज़ है।

भाजपा को सीघे निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि 2004 में भाजपा जिस दिन से सत्ता से बाहर हुई है उस दिन से रोज रोज का यही रवैया है। उन्होंने कहा कि 14वीं लोकसभा के पहले सत्र से लेकर वर्तमान सत्र तक हर सत्र के कई बैठकों में व्यवधान डाला गया। इसके चलते सरकारी कामकाज को पारित कराने में अथक प्रयास करने पड़े।

सोनिया ने पार्टी सांसदों से कहा कि हमें अपने आप से यह पूछना चाहिए कि आखिर मुद्दा क्या है। स्पेक्ट्रम आवंटन पर सीएजी कि रिपोर्ट आई और संसद में रिपोर्ट पेश होने से पहले ही संबंधित मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक सीएजी की रिपोर्ट पेश होने के बाद यह स्वत: लोक लेखा समिति को चली जाती है और इस समिति ने अपना काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने दो बार विपक्ष के नेताओं से मुलाकात की और उन्होंने पीएसी के काम में सहयोग के लिए एक बहु उद्देशीय जांच एजेंसी का भी सुझाव रखा। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।

सोनिया ने कहा कि इन सबके साथ सीबीआई द्वारा भी एक मामला दर्ज किया गया है और उसने यह स्पष्ट किया है कि वह मार्च 2011 तक अपनी जाचं पूरी कर लेगी। यह मामला अदालत में है इसलिए मैं इसबारे में कोई टिप्प्णी नहीं करूंगी। पिछले सप्ताह सरकार ने स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति गठित की है।

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष की घेराबंदी का सामना कर रही कांग्रेस अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि जांच जारी रहने और आरोप साबित होने से पहले ही हमने मंत्रियों एवं मुख्यमंत्रियों को पद से हटने को कहा। कोई और दल ऐसा दावा कर सकते हैं। क्या भाजपा ने कर्नाटक में ऐसा किया जहां भ्रष्टाचार का बोलबाला है।

सोनिया ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए भाजपा नेतृत्व वाले राजग शासन के दौरान एक वरिष्ठ मंत्री ने रक्षा घोटाले उजागर होने पर इस्तीफा दिया लेकिन जांच पूरी होने से पहले ही उन्हें फिर से मंत्री बना दिया गया।

उन्होंने कहा कि यही नहीं इस पार्टी के कुछ नेता धन लेते कैमरे में रंगे हाथ पकड़े गए और बाद में ऐसे नेताओं को भी पुनस्र्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि यह बहुत कष्टदायक तथ्य है कि भ्रष्टाचार चारों ओर फैला नजर आ रहा है और मैं गहराई से महसूस करती हूं कि यह हमारी और हरेक राजनीतिक दल की साझा जिम्मेदारी है कि हम इस बढ़ती बुराई को काबू पाने के लिए कोई व्यवस्था खोजें।

सोनिया ने कहा कि जहां तक कांग्रेस का सवाल है वह हमेशा पारदर्शिता और सुचिता की पक्षधर रही है और हमने स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में चलाए जा रहे सुशासन के रास्ते में कुछ शक्तियों ने काफी बाधाएं डाली लेकिन भारत विश्व अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट से उबरने में सफल रहा। उन्होंने कहा कि अल्पकालिक बाधा के बाद हमने 2010- 2011 के पहले उत्तरा‌र्द्ध में 8.9 फीसदी सकल घरेलू उत्पाद दर्ज किया।

हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर निराशा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि स्थिति में सुधार लाने के लिए जो भी जरूरी होगा किया जाएगा। पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में हमें एकदम नीचे से शुरूआत करनी होगी। पार्टी ने अपने सवा सौ साल के लंबे इतिहास में बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना किया और उसके बावजूद उसने अपने को फिर से स्थापित करने के साहस में कमी नहीं दिखाई

Posted by BIJENDER SHARMA on 3:36 AM. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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