विधानसभा के सदन से पारित सात विधेयकों



धर्मशाला : विधानसभा के सदन से पारित सात विधेयकों को महामहिम राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हो जाने के बाद उन्हें 11वीं विधानसभा के दसवें सत्र में सभा पटल पर रखा गया। इन विधेयकों में हिमाचल प्रदेश विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक 2010, हिमाचल प्रदेश गोवध निषेध संशोधन विधेयक 2010, हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन संशोधन विधेयक 2010, हिमाचल प्रदेश विनियोग संख्यांक 3 विधेयक 2010, हिमाचल प्रदेश विनियोग संख्यांक 4 विधेयक, महर्षि मारकण्डेश्वर विश्वविद्यालय स्थापना और विनियमन विधेयक तथा हिमाचल प्रदेश न्यायिक अधिकारी वेतन, भत्ते और सेवा की शर्ते संशोधन विधेयक 2010 शामिल है। इसके बाद सदन की विभिन्न समितियों ने अपने प्रतिवेदन भी सभा पटल पर रखे।
मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आवंटित सूक्ष्म विद्युत परियोजनाओं में इक्विटी में पार्टनरशिप देने की योजना पर सरकार विचार करेगी। उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश में दो मेगावाट की सूक्ष्म परियोजनाओं को केवल हिमाचली नागरिकों को दिया जाता है। प्रदेश में कई हिमाचली आर्थिक संसाधनों की कमी से अपनी परियोजना को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। धूमल ने कहा कि सरकार जहां इन परियोजनाओं में पार्टनरशिप करने की सुविधा देने पर विचार करेगी, वहीं इस बात पर भी गौर किया जाएगा कि कोई प्रदेश का व्यक्ति केवल दूसरे प्रदेश के व्यक्ति को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए इस सुविधा का दुरुपयोग न कर सके। मुख्यमंत्री धूमल नियम 130 के तहत प्रतिपक्ष की नेता विद्या स्टोक्स के बिजली प्रोजेक्टों में देरी के कारण प्रदेश सरकार को करों को लेकर हो रहे वित्तीय नुकसान के तहत उठाए गए मामले का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समय-समय पर विद्युत परियोजनाओं की समीक्षा करती है और इनको अस्तित्व में लाने के लिए किस प्रकार से गति प्रदान की जा सकेगी इस पर नीति निर्धारण भी करती है। मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि विद्युत का उत्पादन जितनी शीघ्रता से होगा उतनी ही जल्दी प्रदेश को इसका वित्तीय लाभ मिलना शुरू होगा। इस समय 65 सौ मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि शीघ्र ही प्रदेश विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा। प्रदेश सरकार ने ढाई वर्ष में दो हजार, चार करोड़ विद्युत करों के रूप में वसूली में वृद्धि दर्ज की है। 15 नवंबर तक 23 हजार, 245 करोड़ रुपये सरकार ने विद्युत उत्पादन से होने वाले करों के रूप में प्राप्त किए हैं। उन्होंने विद्या स्टोक्स के प्रदेश सरकार के लिए गए कर्जो के सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश सरकार पर जिस प्रकार से वेतन आयोग को लागू करने व दूसरे सामाजिक दायरे की पेंशनों में बढ़ोतरी से आर्थिक बोझ बढ़ा है, उस अनुपात में कर्ज की मात्रा कुछ अधिक नहीं बढ़ी है। सकल घरेलू उत्पाद की दरों का जिक्र करते हुए धूमल ने कहा कि अगर वर्ष 2005 से वर्ष 2010 तक इसकी तुलना करें तो प्रदेश सरकार ने विभिन्न आर्थिक बोझ के बावजूद सात प्रतिशत अपने आर्थिक बोझ को कम करने में सफलता हासिल की है। प्रदेश के 70 फीसदी व्यापारियों को टिन दे दिए गए हैं और 26 नवंबर से ई-पेमेंट की सुविधा भी उपलब्ध करवाई है। चर्चा में विधायक जीएस बाली ने भाग लेते हुए प्रतिपक्ष के उठाए इस मामले को महत्वपूर्ण बताया। चर्चा में भाजपा के विधायक रूप सिंह ठाकुर व कांग्रेस के विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भी भाग लिया।

Posted by BIJENDER SHARMA on 7:48 AM. Filed under , , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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