पर्यटन से संबंधित अधोसंरचना के सृजन एवं विकास के लिए 428 करोड़ रुपये मंजूर

धर्मशाला --- एशियन विकास बैंक ने प्रदेश में पर्यटन की संभावना को देखते हुए पर्यटन से संबंधित अधोसंरचना के सृजन एवं विकास के लिए 428 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। कुल स्वीकृत राशि का 70 फीसदी एशियन विकास बैंक भारत सरकार के माध्यम से मुहैया करवाएगा तथा बकाया 30 प्रतिशत राशि राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार खर्च करेगी। हिमाचल प्रदेश देश के उन प्रथम चार राज्यों में शामिल हो गया है, जिन्हें बैंक के इतिहास में पर्यटन की अधोसंरचना के विकास के लिए ऋण मिला है। यह जानकारी मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने मंगलवार को अपने विशेष वक्तव्य में सदन को दी।
उन्होंने बताया कि एशियन विकास बैंक से ऋण की स्वीकृति 28 सितंबर, 2010 को मनीला में हुई बैठक में मिली है। धूमल ने कहा कि ऋण पर करार भारत सरकार व प्रदेश सरकार के मध्य शीघ्र ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एशियन विकास बैंक से उपलब्ध करवाई जा रही इस सहायता में से 65-70 करोड़ रुपये कांगड़ा जिले में पर्यटन की अधोसंरचना पर खर्च किए जाएंगे। धूमल ने कहा कि इससे कांगड़ा जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों के कई गांवों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन की अधोसंरचना के तहत बड़े वाचिंग टावर, कैपिंग साइट, ईको ट्रेलस व एंग्लिंग सहित स्थानीय बेरोजगारों को पर्यटन विभाग रोजगार मुहैया करवाएगा। उन्होंने कहा कि सामुदायिक भागीदारी को सुनिश्चित बनाकर विरासत को संजोने व सहेज कर रखने के लिए ऐतिहासिक मसरूर मंदिर का जीर्णोद्धार करने की योजना है। धर्मशाला व मैक्लोडगंज में पार्किंग का निर्माण किया जाएगा और साथ ही डल झील से गाद भी निकाली जाएगी। पालमपुर में आदि हिमानी व सौरभ कालिया वन विहार के सौंदर्यीकरण पर पांच करोड़ रुपये खर्च करने की योजना प्रस्तावित है। फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट आगामी सत्र से कार्य करना शुरू कर देगा और इस पर 475 लाख रुपये का व्यय अनुमानित है। चिंतपूर्णी व श्रीनयना देवी मंदिरों के लिए 25 करोड़ रुपये से जन सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। कांगड़ा जिले में धौलाधार डेस्टिनेशन के तहत 423 लाख रुपये से पर्यटकों को सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि एशियन विकास बैंक की सहायता व सरकार की हैली टैक्सी योजना से पर्यटन को पंख लगेंगे। पर्यटन अभी तक प्रदेश के सफल घरेलू उत्पाद का आठ प्रतिशत हिस्सा है। पर्यटन क्षेत्र में की जा रही पहल से इसे 2015 तक 15 प्रतिशत बनाने की सरकार ने महत्वाकांक्षी पहल की है। होम स्टे व हर गांव की कहानी जैसी योजनाओं से पर्यटन को सदूर गांव में ले जाने का प्रयास है

Posted by BIJENDER SHARMA on 5:22 AM. Filed under , , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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