इस वर्ष के दौरान 2464 बस्तियों को पेजयल सुविधा उपलब्ध करवाई गई

चालू वित्त वर्ष के दौरान 2464 बस्तियों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने पर 140 करोड़ रुपये व्यय किए गए। यह जानकारी सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्री रविन्द्र सिंह रवि ने आज यहां विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। बैठक में राज्य के सभी चीफ इंजीनियरों व अधीक्षण अभियन्ताओं ने भाग लिया।

श्री रवि ने कहा कि राज्य में पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पेयजल सुविधा सुनिश्चित बनाने के लिए हैंडपम्प स्थापित करने को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए अब तक 22278 हैंडपम्प स्थापित किए गए हैं, जबकि चालू वित्त वर्ष के दौरान 1620 हैंडपम्प स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने जलमणी कार्यक्रम के तहत वर्ष 2009-09 में 785 ग्रामीण स्कूलों में ‘यूवी तकनीक’ पर आधारित सुरक्षित पेयजल प्रणाली उपलब्ध करवाई गई है, जबकि मार्च 2010 तक यह सुविधा 464 स्कूल में थी तथा वर्ष 2010-11 के लिए 2370 स्कूलों में यह प्रणाली स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

सिंचाई मंत्री ने कहा कि राज्य की 84 प्रतिशत बस्तियों में स्वच्छ पेयजल सुविधा उपलब्ध है, जो राष्ट्रीय दर से लगभग 20 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने राज्य के सभी लोगों को स्वच्छ पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा तीन-चार परियोजनाओं को ‘बी.ओ.ओ.टी.’ के आधार पर शुरू करने का प्रस्ताव है तथा विभाग द्वारा राज्य में अन्य योजनाएं भी इसी आधार पर आरम्भ की जाएंगी।

विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए, श्री रवि ने चम्बा तथा सिरमौर जिलों की विभिन्न पेयजल व सिंचाई योजनाओं के लिए आवंटित 39 करोड़ रुपये के निर्धारित समयावधि में प्रयोग को सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने नाबार्ड के अंतर्गत बनने वाली सिंचाई योजनाओं के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने मुख्यमंत्री की घोषणाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित बनाने के लिए जन-समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने तथा आॅन लाइन समस्याओं का तुरन्त निपटारे के निर्देश दिए।

सिंचाई मंत्री ने राज्य में प्राकृतिक जलस्रोतों बाबड़ियों तथा सिंचाई चैनलों के बेहतर रख-रखाव तथा वर्तमान जलस्रोतों की निर्देशिका तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने जल बहाव नियंत्रण उपायों को प्राथमिकता देने तथा जल संग्रहण अधोसंरचना सृजित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के कार्यों में तेजी लाने तथा अन्य कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा।

बैठक में प्रत्येक घर को जलापूर्ति एवं उपलब्धता पर आधारित ‘रैमके’ इंविरो इंजीनियर लिमिटिड द्वारा जल सुरक्षा योजना विकास तथा अधोसंरचना विकास से सम्बंधित प्रस्तुती भी दी गई।

प्रधान सचिव सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य श्री नरेन्द्र चैहान, इंजीनियर-इन-चीफ श्री आर.के. शर्मा तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।

Posted by BIJENDER SHARMA on 7:30 AM. Filed under , , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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