वेटनरी फार्मासिस्ट टरेनिंग कोर्स भी अब संदेह के दायरे में आ गया

ज्वालामुखी: पिछले दिनों प्रदेश सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश कर्षि विश्वविद्यालय व पशु धन विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में दो साल के वेटनरी फार्मासिस्ट टरेनिंग कोर्स भी अब संदेह के दायरे में आ गया है। चूंकि इसके तार भी प्रदेश शिक्षा बोर्ड के घोटाले से जुडे हैं। हालांकि इन दिनों सोलन में यह कोर्स चल रहा है। व जल्द ही यह लोग सरकारी नौकरी भी हासिल कर लेंगे। लेकिन शिक्षा बोर्ड में जहां इन दिनों फर्जीवाडे की जांच के दौरान नित नये घोटाले सामने आ रहे हैं। वहीं वेटनरी परिक्षा पास न करने वाले लोग अब इस सब के लिये अपनायी गई प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं। व परिक्षा पास करने वाले छात्रों के सर्टिफिकेट की जांच करने की मांग उठने लगी है। इस कोर्स के लिये करीब आठ सौ युवक युवतियां पास हुईं थीं। जो सोलन में दाखिल हैं। पिछले दिनों प्रदेश में 878 सीटों के लिये साक्षात्कार लिये गये थे। जिनमें 21 सीटें बैकलाग की भरी जानीं थीं। हालांकि इसके लिये न्यूनतम योग्यता जमा दो थी। लेकिन गडबड की बुनियाद यहीं रख दी गई थी। दरअसल इसके लिये एंटरेंस टेस्ट नहीं हुये व भर्ती के लिये रहस्यमयी तरीके से मेरिट को आधार रखा गया। सबसे बडी चौंकाने वाली वात यह रही कि इसमें मेरिट अस्सी फीसदी के अधिक चली गई। व मेरिट के आधार पर तमाम लोगों को दाखिला दिया गया।

जाहिर है अब इस पर सवाल उठना भी लाजिमी है।कहा जा रहा है कि इसमें कई लोग योग्यता के बावजूद वंचित रह गये।कांग्रेस नेता नरदेव कंवर ने इस सब की जांच कराने की मांग प्रदेश सरकार से की है। बकौल उनके इतनी तादाद में मेरिट आना अपने आप में सवाल खडे करता है। अगर जाचं होती है तो कई लोग इसमें भी बेनकाब होंगे

Posted by BIJENDER SHARMA on 6:06 AM. Filed under , , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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