कांग्रेस पार्टी ने पंचायत चुनाव के लिए कमर कस ली

कांग्रेस पार्टी ने पंचायत चुनाव के लिए कमर कस ली है। पार्टी का पंचायती राज संगठन दिसंबर में भाजपा के गढ़ हमीरपुर में राज्यस्तरीय सम्मेलन करेगा। इसमें राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के राष्ट्रीय संयोजक मणिशंकर अय्यर भी शामिल होंगे। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रणजीत वर्मा ने कहा कि हिमाचल से भाजपा की नाकाम सरकार को उखाड़ फेंकने की शुरुआत उसी के गढ़ से की जाएगी। संगठन ने केंद्र सरकार की योजनाओं का श्रेय ले रही भाजपा की पोल खोलने के लिए पर्चे तैयार किए हैं। पूरे प्रदेश में ऐसे दो लाख पर्चे बांटकर जनता के बीच भाजपा सरकार की नाकामियों का खुलासा किया जाएगा। इनके जरिए बताया जाएगा कि किस तरह भाजपा केंद्र सरकार की योजनाओं को अपना बता उनका श्रेय ले रही है। रणजीत वर्मा ने शिमला स्थित कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संगठन के पहले राज्यस्तरीय सम्मेलन में उक्त पर्चा जारी कर कहा कि इसमें दर्ज तथ्यों को आम जनता तक पहुंचा कर भाजपा सरकार की पोल खोली जाएगी। जनता की याददाश्त कमजोर होती है। उसे याद होना चाहिए कि धूमल सरकार ने न केवल बस किराया बढ़ाया बल्कि बिजली व पानी की दरें भी बढ़ाई। अब तक के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने कुल 17 ऐसे फैसले लिए हैं, जो जनविरोधी हैं। इनमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन का कोटा कम करना, गैर हिमाचलियों को कौड़ी के भाव जमीन देना, पीटीए पर रखे अध्यापकों को निकालना, प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भंग करना आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की यूपीए सरकार ने जनहित की 20 योजनाओं के तहत हिमाचल को जो मदद दी है, उसके बारे में भी भाजपा आम जनता को गुमराह कर रही है। संगठन ने जो पर्चा बनाया है, उसमें केंद्र सरकार की ओर से चलाई गई योजनाओं को लेकर बीस मुद्दे उठाए गए हैं। इनके बारे में प्रदेश की जनता को बताया जाएगा। पंचायती राज संगठन के कार्यकर्ता घर-घर जाकर मतदाताओं को ये पर्चे बांटेंगे और इन पर चर्चा कर लोगों को वास्तविकता से अवगत करवाया जाएगा।

ब्लॉक व जिला कमेटियां करें उम्मीदवारों का चयन

वर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में ब्लॉक व जिला स्तर पर संगठन को सक्रिय किया गया है। उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं को नसीहत दी कि वे पंचायत चुनाव में उम्मीदवार चयन के झमेले में न पड़कर इस काम को ब्लॉक व जिला कमेटियों पर छोड़ दें। ईमानदार व कर्मठ कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। एक पद पर एक ही उम्मीदवार चुनाव लड़े, इसे सुनिश्चित बनाया जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह का कहना था कि पार्टी के लोगों को जनता में जाकर बताना चाहिए कि राज्य की भाजपा सरकार किस तरह से पंचायती राज संस्थाओं के विरुद्ध काम कर रही है। कांग्रेस के शासनकाल में पंचायतों को जो शक्तियां दी गई थीं उन्हें अब वापिस ले लिया गया है। पंचायतों की बैठकों में जहां कांग्रेस के समय में 14 विभागों के अधिकारी और कर्मचारी आया करते थे वहीं अब पटवारी और गार्ड तक नहीं आते। उन्होंने कहा कि पंचायत पदाधिकारियों से उद्ïघाटन करने और शिलान्यास करने का अधिकार भी इस सरकार ने छीन लिया है। पटवारियों, अध्यापकों व डाक्टरों आदि की कमी की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही दिक्कतों को मुद्दा बनाकर भाजपा के खिलाफ जनमत तैयार करने की बात भी कौल सिंह ने कही।कौल सिंह का कहना था कि भाजपा सरकार ने सेब उत्पादकों के साथ खिलवाड़ किया और राशन पर मिलने वाले खाद्य पदार्थों में कटौती की। यह सरकार प्राईमरी स्कूल तो खोल नहीं पाई लेकिन निजी विश्ïवविद्यालय धड़ाधड़ खोल रही है। मनरेगा के तहत केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले धन और सीएफएल बल्बों को मुफ्त बांटे जाने संबंधी योजना में हुए घोटाले को जनता में ले जाए जाने की बात भी उन्होंने कही।कौल सिंह की तरह ही विद्या स्टोक्स ने भी सरकार द्वारा लिए गए जनविरोधी फैसलों को जनता में प्रचारित किए जाने का आह्वïान पार्टी कार्यकर्ताओं से किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने सत्ता में आते ही बसों के किराए और बिजली के दाम बढ़ा दिए जो शर्मनाक है।

प्रदेश कांग्रेस के महासचिव कुलदीप राठौर ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार कांग्रेस के लोगों पर झूठे केस बना रही है। उनका कहना था कि पंचायत चुनाव में पार्टी को भारी जीत मिलेगी और दो साल बाद कांग्रेस राज्य विधानसभा के चुनावों में जीतकर सत्ता में आएगी। सम्मेलन को प्रदेश भर से आए कांग्रेस के पंचायत पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम में वीरभद्र सिंह सहित उनके समर्थक माने जाने वाले कई महत्वपूर्ण कांग्रेसी नेता भी अनुपस्थित दिखाई दिए। वीरभद्र समर्थकों में मुख्यत: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, सुभाष मंगलेट, ठाकुर सिंह भरमौरी और बृजबिहारी बुटेल ही प्रमुख रूप से दिखाई दिए। मंगलेट भी थोड़े समय बाद उठकर बाहर चले गए। सम्मेलन में कौल सिंह और विद्या स्टोक्स सहित कुल सात विधायक ही नजर आए। उधर, राज्य युवा कांग्रेस और राज्य एनएसयूआई जैसे अग्रणी संगठनों का प्रतिनिधित्व भी सम्मेलन में दिखाई नहीं दिया।इस बात को लेकर पार्टी नेताओं में नाराजगी भी नजर आई। महिला कांग्रेस की राज्य प्रमुख कमला प्रार्थी और सेवादल के अध्यक्ष इंद्रदत्त लखनपाल सम्मेलन में अवश्य दिखाई दिए। सम्मेलन में पूर्व मंत्री ठाकुर रामलाल, हर्ष महाजन, मुकेश अग्ïिनहोत्री, सुधीर शर्मा, हर्षवर्धन, प्रेम सिंह, अनीता वर्मा, कुलदीप कुमार, जीएस बाली और चंद्र कुमार सरीखे नेता भी नदारद नजर आए। जबकि पूर्व मंत्री सिंघी राम, आशा कुमारी, सोहन लाल (कुसुम्पटी), तिलकराज और शिमला के पूर्व सांसद धनीराम शांडिल अग्रणी पंक्तियों में बैठे दिखाई दिए।

Posted by BIJENDER SHARMA on 7:06 AM. Filed under , , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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