टमाटर व आलू की फसल के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना आरम्भ

बिजेंदर शर्मा द्वारा
प्रदेश में रबी मौसम, 2010-11 में टमाटर व आलू की फसल के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना आरम्भ की गई है। राज्य के जिला सोलन व जिला बिलासपुर के सदर खण्ड में टमाटर की फसल के लिए और कांगड़ा व ऊना में आलू की फसल के लिए यह योजना पायलट आधार पर शुरू की गई है। इस योजना के अन्तर्गत सोलन जिला व बिलासपुर जिले के सदर खण्ड में मार्च व जुलाई, 2011 के मध्य टमाटर की पैदावार और कांगड़ा जिला में जनवरी व अप्रैल, 2011 व ऊना जिला में जनवरी से मार्च महीने तक आलू की फसल को बीमा छत्र प्रदान किया जाएगा।
   जिला सोजन में टमाटर की फसल को बीमा प्रदान करने के लिए भारतीय कृषि बीमा कम्पनी लिमिटेड को कार्यान्वित एजेंसी बनाया गया है। बिलासपुर जिला के सदर खण्ड में टमाटर की फसल व जिला कांगड़ा व ऊना में आलू की फसल को बीमा प्रदान करने के लिए आईसीआईसीआई लाॅम्बार्ड, जीआईसी लिमिटेड को कार्यान्वित एजेंसी बनाया गया है।

   यह योजना चुनिंदा निर्देशित ईकाई क्षेत्रों (आरयूए)में 'एरिया अप्रोच' के सिद्धांत पर कार्यान्वित की जागी। मुआवजे के सही आकलन व नुकसान की भरपाई करने के लिए निर्देशित ईकाई क्षेत्र को बीमा के लिए ईकाई क्षेत्र चिन्हित किया जाएगा । निर्देशित ईकाई क्षेत्र, निर्देशित मौसम केन्द्र के आस-पास का भौगोलिक क्षेत्र होगा जो फसल बीमा की राज्य स्तरीय समन्वय समिति द्वारा अधिसूचित किया गया हो।

   इस योजना के तहत मुआवजे के आकलन के लिए मौसम संबंधित जानकारी टमाटर की फसल के लिए जिला सोलन के सोलन, कण्डाघाट एवं कुनिहार व बिलासपुर जिले में बिलासपुर सदर स्थित निर्देशित मौसम केन्द्रों से निर्देशित ईकाई क्षेत्रों को जोड़ा गया है। इसी प्रकार आलू की फसल के लिए कांगड़ा व ऊना जिलों में भी यह सुविधा मुहैया करवाई गई है।

   यह योजना सोलन जिले की सोलन तहसील, कण्डाघाट तहसील, अर्की तहसील, रामशहर उप-तहसील, किशनगढ़ उप तहसील, कसौली तहसील, नालागढ़ तहसील, बिलासपुर जिले की सदर तहसील, श्री नैना देवी जी तहसील स्थित स्वारघाट, नम्होल

उप तहसील व ऊना जिले की टरोली, ऊना और अम्ब तहसीलें तथा कांगड़ा जिले की कांगड़ा, धर्मशाला, पालमपुर तहसीलों में आरम्भ की जाएगी।

   ऋण के लिए आवेदन करने वाले कृषकों ( वह कृषक जिन्होंने अधिसूचित आरयूए में अधिसूचित फसलों के लिए वित्तीय संस्थाओं से ऋण लिया हो) के लिए यह योजना अनिवार्य बनाई गई है। अधिकतर ऋण सीमा को आवंटन निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाएगा। जिन कृषकों ने अधिसूचित आरयूए में अधिसूचित फसलों के लिए ऋण न लिया हो, उनके लिए यह योजना स्वैच्छिक है। इस योजना में वित्तीय संस्थाएं जिनका उल्लेख राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना में किया गया हो जैसे जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक व इससे संबंधित पीएसी, सभी व्यावसायिक बैंक व सभी क्षेत्रीय ग्र्रामीण बैंक को शामिल किया जाएगा।

   इस योजना के तहत प्रतिकूल मौसम परिस्थितियां जिसे फसलों को नुकसान पहुंचे जैसे कम तापमान, अधिक तापमान, तापमान में बदलाव, तेज हवाएं व अधिक या कम बारिश को बीमा छत्र में सम्मिलित किया गया है। ऋणी कृषकों के लिए टमाटर की फसल की बीमा के लिए 15 अप्रैल, 2011 तथा ऋण न लेने वाले कृषकों के लिए 25.3.2011 तथा 13.3.2001 तिथियां निर्धारित की गई है। आलू की फसल के लिए ऋणी व ऋण न लेने वाले कृषकों के लिए 5.2.2011, 15.1.2011 तथा 3.1.2011 तिथियां निर्धारित की गई हैं।

   ऋणी आवेदनकर्ता कृषकों को वित्तीय संस्थाओं द्वारा अधिकतम ऋण सीमा निर्धारित करने के लिए कृषि भूमि की घोषणा करने पडे़गी जोकि ऋण आवेदन फार्म में पहले उल्लेखित की गई हो। ऋण न लेने वाले कृषकों द्वारा बीमा प्रस्ताव फार्म में अधिसूचित फसल के अन्तर्गत कृषि भूमि का उल्लेख करना होगा।

   अधिसूचित फसलों के लिए बीमांकिक प्रीमियम दरे एआईसी इंडिया लिमिटेड और आईसीआईसीआई लाॅम्बार्ड बीमा कम्पनी ने सामान्य प्रीमियम रेटिंग प्रणाली के आधार पर निर्धारित की हैं। टमाटर और आलू की फसलों के लिए यह दरें 12 प्रतिशत तथा 10.30 प्रतिशत की दर से सेवा शुल्क के साथ तय की गई है। कुल प्रीमियम का 50 प्रतिशत पंजीकृत उत्पादक द्वारा देय होगा तथा शेष राशि केन्द्र व राज्य सरकारें 50ः50 आधार पर वहन करेंगी।

Posted by BIJENDER SHARMA on 11:11 PM. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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