ज्वालामुखी मंदिर में अब दिवाली की मिठाई के बहाने माल कमाने को लेकर घमासान

ज्वालामुखी मंदिर में अब दिवाली की मिठाई के बहाने माल कमाने को लेकर घमासान

हालांकि हिमाचल के प्रमुख मंदिरों में राज्य सरकार का सीधा दखल है। लेकिन सरकार के आला हुक्मरान ही खजाने में लूट मचाने की होड में हों तो व्यवस्था में सुधार की उम्मीद करना बेमानी है। नित नये विवाद का केन्द्र बना ज्वालामुखी मंदिर इस बार दीवाली की मिठाई को लेकर विवाद में है। मिली जानकारी के मुताबिक ज्वालामुखी मंदिर प्रशासन ने इस बार दीवाली के मौके पर करीब तीन क्विंटल मिठाई खरीदी व बारीदारों के साथ कांगडा जिला के कुछ बडे अफसरों को तोहफे के तौर पर बांट दी। कांग्रेस नेता अशोक गौतम ने इस मामले पर सवाल उठाते हुये हैरानी जतायी कि ऐसे पावन मौके पर भी अफसर बेईमानी कर गये इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि हमीरपुर की एक फर्म को फायदा दिलाने के लिये प्रशासन ने मिठाई खरीदने के लिये न केवल स्थानीय हलवाईयों की अनदेखी की बल्कि टैंडर भी नहीं आमंत्रित किया। व गुपचुप तरीके से रातों रात मिठायी खरीद ली गई। गौतम ने बताया कि उन्हें मंिदर के ही कर्मचारियों से जानकारी मिली कि बाटी गई मिठायी न केवल घटिया थी बल्कि डिब्बे भी अंडरवेट थे। उन्होनें कहा कि यह फैसला गलत था लिहाजा सरकार को इस मामले की जाचं करानी चाहिये। ताकि दोषी अधिकारी दंडित हो सकें। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अमन हैपी ने बताया कि करीब तीन क्विँटल मिठायी खरीदी गई। जिसका भारी भरकम बिल मंदिर प्रशासन भुगतान करने जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट के एक सदस्य प्रताप चौधरी ने बताया कि हमीरपुर से मिठायी खरीदने का सुझाव देहरा के एस डी एम की ओर से आया था। लेकिन आगे क्या हुआ उन्हें नहीं पता। उधर मंदिर अधिकारी सुदेश नैयर ने बताया कि इसके लिये ट्रस्ट से बाकायदा मंजूरी ली गई थी बाकि बातें उनके आला अधिकारी ही बता सकेंगे। इस बीच देहरा के एस डी एम राकेश शर्मा से संर्पक नहीं हो पाया।

Posted by BIJENDER SHARMA on 5:59 PM. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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