प्रेम कुमार धूमल गरीब और ज़रूरतमंद लोगांे को अनेकों बार इस तरह की सहायता प्रदान कर उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत


शिमला: एक होनहार विद्यार्थी, एक कुशल भावी इंजीनियर बनने के सपनों को साकार करने की दृढ़ इच्छाशक्ति, यह सब सपने संजोये थीं सीमा सूद लेकिन रियूमेटिक आर्थराइटिस के एक गंभीर दौरे से बिट्स पिलानी (राजस्थान) की इस इंजीनियरिंग छात्रा का भविष्य अंधकारमयी हो गया। स्वर्ण पदक पुरस्कार प्राप्त करने वाली सुमन के साथ भाग्य ने अगर ऐसा मज़ाक नहीं किया होता तो वह निःसंदेह किसी बहुर्राष्ट्रीय कम्पनी में एक सीनियर एग्जिक्यूटिव के तौर पर कार्य कर रही होती। लेकिन हालात ने उसे अपनी वृद्ध माता पर एक बोझ बनाकर रख दिया। आर्थराइटिस के कारण सुमन का जीवन लगभग 13 वर्षांे तक एक कमरे में ही सिमट कर रह गया था। कांगड़ा ज़िला के पालमपुर के समीप बंदला की रहने वाली सुमन सूद अपना शरीर तक हिला पाने में असमर्थ थी और पानी के एक गिलास के लिए भी उसे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था। इलाज के लिए उसे लगातार अस्पताल के चक्कर काटने पड़े लेकिन उसका परिवार इलाज का खर्च वहन करने में असमर्थ था। प्रत्येक दिन सीमा के लिए जीवन की आशा धूमिल पड़ती जा रही थी।

जीवन की लगभग सभी आशाएं छोड़ने के बाद सीमा ने आखिर आशा के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल से गुहार लगाई। मुख्य मंत्री ने अविलंब उसके इलाज के लिए आवश्यक धनराशि स्वीकृत करने के साथ-साथ अधिकारियों को यह निर्देश भी जारी किए कि अगर उसके उपचार पर अतिरिक्त खर्च आता है, तो उसे मुख्य मंत्री राहत कोष से प्रदान किया जाए। मुख्य मंत्री ने पी.जीआई. चंडीगढ़ में शल्य चिकित्सा के लिए उसे एक लाख रुपये तथा उसके उपरांत मोहाली स्थित फोर्टिस अस्पताल में इलाज के लिए 8.25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की।

मुख्य मंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल सदैव ऐसे रोगियों के लिए सहारा बनकर खड़े होते रहे हैे जिनके पास जीने का कोई सहारा नहीं है। पीड़ित मानवता के प्रति निस्वार्थ सेवा भाव से कार्य करने वाले प्रो. धूमल को प्रदेश भर में गरीबों के मसीहा के रूप में जाना जाता है।

हाल ही में मुख्य मंत्री ने 55 वर्षीय श्रीमती उर्मिला देवी को आईजीएमसी, शिमला में हृदय शल्य चिकित्सा करवाने के लिए 1.75 लाख रुपये स्वीकृत किए। शिमला के ढली की रहने वाली श्रीमती उर्मिला देवी दो महीनों से आईजीएमसी में उपचाराधीन थीं लेकिन धन के अभाव तथा कहीं और से आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं होने के कारण अपना ऑपरेशन नहीं करवा पा रहीं थीं। हिम्मत न हारते हुए, उन्होंने मुख्यमंत्री से इलाज का खर्च देने के लिए आग्रह किया। मुख्य मंत्री ने श्रीमती उर्मिला के उपचार के लिए आवश्यक धनराशि प्रदान कर उन्हें एक नया जीवन प्रदान किया।

प्रो. प्रेम कुमार धूमल गरीब और ज़रूरतमंद लोगांे को अनेकों बार इस तरह की सहायता प्रदान कर उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते आए हैं। 30 दिसंबर, 2007 को प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद वह मुख्य मंत्री राहत कोष से 7025 ज़रूरतमंद पात्र लोगों को 11 करोड़, 93 लाख, 34 हज़ार 511 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर चुके हैं।

धर्मशाला में जमा दो के छात्र अमित वालिया को भी मुख्य मंत्री ने भी इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर एक नया जीवन प्रदान किया। मात्र 17 वर्ष की आयु में रक्त कैंसर से पीड़ित अमित का इलाज सी.एम.सी लुधियाना में चल रहा था। उसके इलाज के लिए लगभग 15 से 20 लाख रुपये की आवश्यकता थी। लेकिन उसके पिता जो एक छोटी-मोटी दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं, के लिए इतनी धनराशि का प्रबंध करना संभव नहीं था। अमित के पिता ने भी मुख्य मंत्री से सहायता के लिए निवदेन किया और मुख्य मंत्री ने तुरंत दो लाख रुपये की धनराशि उसके इलाज के लिए उपलब्ध करवाई।

इसी तरह, समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों का संज्ञान लेते हुए मुख्य मंत्री ने किडनी रोग से पीड़ित 16 वर्षीय प्रीतम चंद को भी एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई। हमीरपुर ज़िला की बड़सर तहसील के मड़होट गांव के मजनू राम के पुत्र प्रीतम चंद के लिए भी मुख्य मंत्री द्वारा प्रदान की गई सहायता आशा की एक नई किरण लेकर आई और पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार के उपरांत आज वह स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहा है।

मुख्य मंत्री समय-समय पर समाज के विभिन्न वर्गांे से मुख्य मंत्री राहत कोष में उदारतापूर्वक अपना योगदान करने का आह्वान करते आए हैं ताकि इस धनराशि का सदुपयोग पीड़ित और ज़रूरतमंद लोगांे की सहायता के लिए किया जा सके। मुख्य मंत्री रोहत कोष की स्थापना ऐसे ही ज़रूरमतंद और गरीब लोगांे को मदद प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। इस कोष से बहुत सारे ऐसे लोगांे को सहायता मिली है जो समय पर इलाज के लिए आवश्यक आर्थिक सहायता नहीं मिलने के कारण जीवन की आशा खो चुके थे।

Posted by BIJENDER SHARMA on 6:35 AM. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

1 comments for प्रेम कुमार धूमल गरीब और ज़रूरतमंद लोगांे को अनेकों बार इस तरह की सहायता प्रदान कर उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत

  1. यह निसंदेह उत्कृष्ट उदाहरण है.


    यदि धूमल जी प्रदेश में फैली भ्रष्टआचार पर लगाम कस सकें तो प्रदेश के लिए बहुत अच्छा होगा.

    मेरे हाल ही के हिमाचल भ्रमण में मैंने पाया की भ्रष्टआचार हर महकमे में फैला हुआ है.. सड़कें हैं ही नहीं..वर्ल्ड बैंक की सहायता से कुछ काम हो रहा है उसमे से जान पहचान के लोगों को ठेके दिया जाते हैं जो फिर दिल खोल कर चोरी करते हैं.

    खुद धूमल जी के बारे में भी जनता के मन में एक ईमानदार नेता की छवि नहीं पायी.

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