भारत के विश्वगुरू बनने के लिए युवा वर्ग का केवल साक्षर होना ही पर्याप्त नहीं


ज्वालामुखी: भारत के विश्वगुरू बनने के लिए युवा वर्ग का केवल साक्षर होना ही पर्याप्त नहीं बल्कि सांस्कृतिक होना परम आवश्यक है। ये शब्द क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय धर्मशाला के निदेशक एवं भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय संयोजक डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने ज्वालामुखी महाविद्यालय में विद्यार्थी परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहे। छात्रों को संबोधित करते हुए कहे | मुख्याअतिथी ने कहा कि भारत में ज्ञान,संस्कार और नैतिकता आज भी विदेशों में आदर्शों के रूप में मानी जाती है, परंतु दुर्भाग्यवश आज हम उन्ही आदर्शों को पिछड़ापन मानने लगे है। उन्होंने कहा कि लार्ड मेंकाले द्वारा लागू की गई प्रणाली के कारण भारतीय बाबूगिरी में तो सक्षम हो गए है, परंतु भारत के युवाओं में नैतिकता की कमी आ गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में अगर समाज में नैतिकता आती है तो बड़े-बड़े प्रशासनिक अफसर घपले वाली और यहां तक कि देश के सुरक्षा दस्तावेजों का सौदा न करते। देश के विकाप में युवाओं की भूमिका का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में अनेक युवकों व छात्रों ने अपना बलिदान दिया है और इस आजादी को बनाए रखने में युवाओं को समाज के लिए आगे भी काम करना होगा। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित अध्यक्ष एडवोकेट अभिाषेक पाद्या ने कहा कि विद्यार्थी परिषद समाज के पिछले 61 वर्ष से

काम कर रही है और युवा शक्ति की भावना का सकारात्मक रूप में संचालित कर देश शक्ति की भावना का निर्णय भी कर रही है। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय और स्थानीय विद्यालयों व

स्कूलों से आए हुए छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर कार्यक्रम में आर.एन.टी विद्यालय के बच्चों ने बम-बम भोले गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर सभी का दिल मोह लिया। इस अवसर पर इकाई अध्यक्ष राजेंद्र कुमार,जाकिर हुसैन,रमजान खान सहित कई विद्यार्थी उपस्थित थे।

Posted by BIJENDER SHARMA on 5:47 PM. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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