भारतीय सेना के अब तक के इतिहास के पन्नों में कांगड़ा जिला के वीर सपूतों के शौर्य



ज्वालामुखी: भारतीय सेना के अब तक के इतिहास के पन्नों में कांगड़ा जिला के वीर सपूतों के शौर्य, वीरता और बलिदान की अनेक गाथाएं दर्ज हैं। जिला में अनेकों ऐसे परिवार हैं जो पीढिय़ों से भारतीय सेना में शामिल होकर जहां देश की अस्मिता की रक्षा करने में अपनी जान तक बाजी लगाने में पीछे नहीं, वहीं आज का युवा वर्ग भी भारतीय सेना में भर्ती होकर अपनी परम्परा का निर्वहन करते हुए देश की सदहदों की रक्षा में अमूल्य योगदान दे रहा है।

ऐसे ही कांगड़ा जिला के वीर सपूतों की फेहरिस्त में शामिल हैं, धर्मशाला के दाड़ी के होनहार युवा गौरव तिवारी। जिन्हें बचपन से ही सेना में शमिल होने का जो जुनून था, जिन्होंने सैन्य प्रशिक्षण में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने पर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।

गौरव तिवारी ने महाराष्ट्र राज्य के खडग़वासला स्थित राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी (एनडीए) के 116वें प्रशिक्षण कोर्स को पूरा करके भारतीय सेना में बतौर लैफ्टीनैंट कमिशन प्राप्त किया। उसके उपरान्त हाल ही में उन्होंने देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के 126वें प्रशिक्षण कोर्स को भी सफलतापूर्वक पूरा किया।

एक सैन्य अधिकारी के तौर पर भारतीय सेना की चमचमाती वर्दी पहनकर गौरव तिवारी ने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में नियंत्रक के पद पर तैनात अपने पिता सुरेन्द्र नाथ तिवारी तथा माता वनिता तिवारी का नाम रोशन किया, बल्कि अपने जिला के साथ पूरे प्रदेश को भी गौरवान्वित किया है।

बचपन के दिनों से ही सैन्य अधिकारी बनने का ख्वाब रखने वाले गौरव तिवारी की स्कूली शिक्षा योल छाबनी स्थित सैन्य स्कूल के साथ-साथ आधुनिक पब्लिक स्कूल से पूरी हुई। गौरव के अनुसार छाबनी के सैन्य वातारण ने उन्हें सेना के प्रति आकर्षित करने में अहम भूमिका अदा की। इसके अलावा उन्होंने अपने दादा भगत राम तिवारी, जो एक पुलिस अधिकारी थे तथा पड़ोसी सेवानिवृत कर्नल को भी अपना प्रेरणास्रोत माना।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से लेकर अब तक अनेक युद्घों में कांगड़ा के जांबाजों ने मातृ भूमि की रक्षा के लिये अपना सर्वोच्च बलिदान देकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र को सर्वप्रथम प्राप्त करने का गौरव भी त्रिगर्त वसुंधरा के ही सपूत मेजर सोमनाथ हासिल है।

गौरव तिवारी ने एक अनौपचारिक भैंट के दौरान कहा कि युवाओं को भारतीय सेना का अंग बनकर देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिये आगे आना चाहिए ताकि दुश्मनों के नापाक मनसूबों को नेस्तनाबूद किया जा सके।

Posted by BIJENDER SHARMA on 6:07 PM. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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