स्वच्छता व मनरेगा कार्यक्रम ने बदली हार-जलाड़ी की तस्वीर

ग्राम पंचायत को प्रशासन की इकाई माना जाता है तथा गांव को खुशहाल एवं समृद्ध बनाने का महात्मा गांधी ने जो स्वप्न देखा था, उसे साकार करने के लिये प्रदेश सरकार ने विकास के मुख को ग्रामीण क्षेत्रों की ओर मोड ा है, जिससे पंचायतों में मूलभूत सुविधाएं सृजित होने के साथ-साथ गांवों का स्वरूप स्वच्छ एवं विकासोन्मुखी बना है। कांगड ा जिला में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के सफल कार्यान्वयन से कुल ७६० पंचायतों में से ६७२ पंचायतें खुला शौचमुक्त हो चुकी हैं और खुला शौचमुक्त पंचायतों की कड ी में कांगड ा विकास खण्ड के चंगर क्षेत्र की एक ग्राम पंचायत है- हार-जलाड ी, जिसमें संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के अतिरिक्त महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज गार गारंटी योजना के तहत लोगों को रोज गार घर-द्वार पर उपलब्ध करवाने के साथ-साथ अभूतपूर्व विकासकार्य कार्यान्वित होने से गांवों का स्वरूप बदला है और यह पंचायत कांगड ा में ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश में एक रोल मॉडल के रूप में उभरकर अन्य पंचायतों के लिये प्रेरणास्रोत बनी है।कांगड़ा-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर स्थित दौलतपुर नामक स्थान से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर मध्यम वाहन योग्य सड क से जुड ी है, चंगर क्षेत्र की हार-जलाड ी पंचायत। पंचायत की आबादी लगभग २३०० है। जिसमें लगभग ५०० परिवार रहते हैं। सरकार द्वारा चलाये गये सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान से पूर्व इस गांव के केवल ५ प्रतिशत साधन संपन्न परिवारों के पास ही शौचालय की सुविधा उपलब्ध थी। ग्राम पंचायत प्रधान राज कुमार के अनुसार लोगों की मानसिकता एवं सोच में परिर्वतन लाने के लिये सरकार द्वारा उदय भारती संस्था को इस गांव में प्रायोजित किया गया था।
प्रशासन एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के सहयोग से संस्था द्वारा स्वच्छता का संदेश देने के लिये गांवों में नुक्कड नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सामूहिक चर्चा इत्यादि कार्यक्रम करवाये गये, जिसके फलस्वरूप इस पंचायत में लोगों द्वारा स्वेच्छा से शौचालय निर्मित करके पंचायत को जिला में खुला शौचमुक्त का खिताब दिलाया गया तथा जिला प्रशासन द्वारा इस पंचायत को निर्मल ग्राम पुरस्कार के लिये भी नामित किया गया है। वर्तमान में इस पंचायत के सभी परिवारों के पास अपना शौचालय है जिससे इस क्षेत्र के लोगों में स्वच्छता के प्रति नई चेतना आई है और लोगों का मानना है कि शौचालय निर्मित होने से खुले में शौच करने से फैलने वाली विभिन्न बीमारियों पर काफी नियंत्रण हुआ है और बूढ े-बुजर्गों को भी सुविधा उपलब्ध हुई है। इसके अतिरिक्त पंचायत में शिक्षण संस्थानों, आंगनवाड ी केन्द्रों एवं पंचायत घर जैसे सार्वजनिक संस्थानों में भी शौचालय सुविधा उपलब्ध है।इस पंचायत में जहां लोगों द्वारा पंचायत को खुला शौचमुक्त बनाने में अहम योगदान दिया है, वहीं पर मनरेगा कार्यक्रम ने गांवों में विकास की तस्वीर को एक नया स्वरूप प्रदान किया है, जिससे ग्रामीणों के सामाजिक एवं आर्थिक जीवन में आशातीत परिवर्तन आया है।
पंचायत प्रधान राजकुमार के अनुसार गांवों में इस समय मनरेगा के तहत २७२ परिवारों को जॉब कार्ड प्रदान किये गये हैं जिसमें से १५० से अधिक जॉबकार्ड धारकों इस कार्यक्रम के तहत रोज़गार उपलब्ध हो रहा है। गत दो वर्षों में हार-जलाड ी पंचायत में लगभग एक करोड रुपये की राशि व्यय करके लोगों को रोज गार उपलब्ध करवाने के अतिरिक्त पारंपरिक बावडि यों तथा कुओं के जीर्णोद्धार के अलावा जल संरक्षण हेतू चैकडैम, पक्के रास्ते एवं हल्के वाहनों योग्य सड कें निर्मित की गई हैं और इस कार्यक्रम के तहत लोगों की निजी भूमि सुधार के भी कार्य कार्यान्वित किये जा रहे हैं।
गांवों की जॉबकार्ड धारक महिला लज्जा देवी, इच्छा देवी तथा नीलम इत्यादि महिलाओं ने बताया कि मनरेगा कार्यक्रम से वह स्वावलम्बी बनी हैं, जबकि इससे पूर्व उन्हें घर की छुट-पुट जरूरतों को पूरा करने के लिये केवल पति पर ही निर्भर रहना पड ता था। महिला मण्डल प्रधान गायत्री देवी तथा भूतपूर्व सैनिक अमरनाथ ने बताया कि स्वच्छता कार्यक्रम से गांव में खुले में शौच करने से फैलने वाली गंदगी से राहत मिली है तथा पारंपरिक जलस्रोत भी प्रदूषित होने से सुरक्षित हैं।
राजकुमार के अनुसार पंचायत में इस समय एक उच्च तथा दो प्राथमिक विद्यालय, एक पटवार घर, एक पशु औषधालय, एक स्वास्थ्य उपकेन्द्र तथा सहकारी सभा की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त गांव के १५० असहाय लोगों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन के अन्तर्गत शामिल हैं, जिन्हें ३३० रूपये प्रतिमाह पैंशन मिल रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बहती विकास की बयार भविष्य की सूचक है कि प्रदेश का प्रत्येक गांव खुशहाल एवं समृद्ध बनेगा, जिससे लोगों सामाजिक-आर्थिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आने लगा है। जिससे बेरोज गारों का शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन काफी रूका है।
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Posted by BIJENDER SHARMA on 3:47 AM. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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