संगठन चुनावों में आज वीरभद्र समर्थकों का दबदबा ज्वालामुखी में रहा व संजय रतन की समर्थक रत्नी देवी



ज्वालामुखी: दिन भर की गहमागहमी के बाद कांग्रेस के संगठन चुनावों में आज वीरभद्र समर्थकों का दबदबा ज्वालामुखी में रहा व संजय रतन की समर्थक रत्नी देवी को आम सहमति से पी सी सी डेलिगेट चुना गया तो अंब पठियार के प्रधान राजेन्दर सिंह को मंडल अध्यक्ष चुना गया। चुनावों के परिणामों की घोषणा करते हुये संजय कुठियाला ने दावा कि चुनाव में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। संगठन चुनावों में कांग्रेसियों को एक मंच पर लाने के प्रयास आज उस समय धराशायी हो गये जब पार्टी आलाकमान की ओर से नियुक्त ए आर ओ संजय कुठियाला के कोई भी प्रयास सिरे नहीं चढ पाये। व एक गुट ने रेस्ट हाऊस में बैठक आयोजित की तो दूसरे ने रामा कृष्णा गैस्ट हाऊस में । लेकिन संजय रतन ने संगठन में अपना पूरा दबदबा दिखाया उन्होंने करीब पांच सौ सर्मथकों की भीड जुटा ली थी। ज्वालामुखी में इस बार कांग्रेसी अपनी डफली अपना राग अलाप रहे हैं । हांलाकि उन्होंने इलाके का दो बार दौरा भी किया । लेकिन संगठन की एकता तार -तार हो चुकी है। हर एक गुट दूसरे को नीचा दिखाने पर तुला है ।दरअसल पिछले चुनावों में बगावत करने वाले संजय रतन की भी कांग्रेस में वापिसी हो गई । जिससे वर्चस्व की
में 92 पोलिंग बूथ बने हैं , जो 46 पंचायतों में हैं । चंगर में 25 पंचायतें हैं तो बलिहार में 21 हैं । इन्द्र मोहन वालिया की मौत के बाद मंडल कांग्रेस की कमान रणजीत सिंह को तो दी गई , लेकिन लंबे अरसे बाद भी वह मंडल कार्यकारिणी का गठन तक नहीं कर पाये । खासकर चंगर बैल्ट में डिलिमिटेशन के बाद थुरल से कट कर ज्वालामुखी में शामिल हुई । करीब नौ पंचायतों में तो हालात बदत्तर हैं । यही वजह थी कि आज भी कहीं भी कोई सहमति नहीं बन पाई।

संजय विरोधी खेमें की ओर से पी सी सी के लिये नरदेव कंवर,रूमा कौंडल,वीना शर्मा में किसी के भी नाम पर सहमति नहीं बन पाई। जिसका सीधा फायदा संजय रतन ले गये। चुनावों के विरोध में ए आर ओ के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की गई। ए.आर.ओ.संजीव कुठियाला ने करीब एक बजे दोनों पक्षों के लोगों को लो.नि.वि विश्राम गृह में बुलाया। ए.आर.ओ. ने दोनों पक्षों की सहमति से जनरल हाउस बुला कर आपसी सहमति बनाने का प्रयास किया,लेकिन दोनों ही पक्ष खुद को असली कांग्रेस बताते हुए एक दूसरे की बात मानने की तैयार नही हुए,जिस पर ए.आर.ओ. ने जनरल हाउस में चुनाव का ऐलान कर दिया। पी.सी.सी. पद के लिए संजय रत्न की और से रत्नी देवी का नाम रखा गया,लेकिन दूसरा पक्ष उनके मुकाबले में कोई भी उम्मीदवार नही दे सका जिस के चलते रत्नी देवी को निर्विरोध पी.सी.सी. डैलिगेट घोषित कर दिया गया। इसी तरह ब्लाक अध्यक्ष को लेकर भी संजय रत्न की और से राजेंद्र राणा के नाम का प्रस्ताव रखा गया, जिन्हें भी अध्यक्ष पद के लिए अन्य नाम ने आने पर निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया गया। इसके बाद हुए भारी शोर-शराबे के बीच ए.आर.ओ. ने अन्य नामों की भी घोषणा कर दी। स्टोक्स खेमें के नेताओं का आरोप था कि संजय रतन ने ए आर ओ को हाईजैक कर लिया है। ताकि चुनाव न हो सकें यह लोग पार्टी में अपनी दुकानदारी चलाने ही आते हैं। न कि संगठन को मजबूत करने के लिये। उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी से दो बार कांग्रेस के खिलाफ संजय रतन ने बगावत की संजय कांग्रेसी होने का ढ़ोंग रचते रहे हैं। व वफादारियां भाजपा के साथ निभाते हैं। आरोप लगाया कि संजय रतन ने पिछला चुनाव कांग्रेस से बगावत कर लड़ा था। संजय ने दो बार कांग्रेस के खिलाफ बगावत की व चुनाव लड़ा विधानसभा चुनावों में ज्वालामुखी में टिकट रूमा कौंडल को मिली तो संजय रतन ने बगावत कर आजाद चुनाव लड़ा । जिससे चुनावों में भाजपा प्रत्याशी रमेश धवाला जीत गये । यही नहीं बकौल उनके चुनावों में उनके पिता सुशील रतन ने प्रदेश स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पद पर रहते हुये चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ काम किया । जिससे पार्टी को नुक्सान हुआ । फायदा रमेश धवाला ले गये ।

Posted by BIJENDER SHARMA on 8:57 AM. Filed under , , . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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